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सुस्त अर्थव्यवस्था देख जापान को बढ़ानी पड़ी ब्याज दरें

 जापान की अर्थव्यवस्था इस समय मंदी के दौर से गुजर रही है। जापान ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का ताज भी खो दिया है। इस समस्या से देश को बाहर निकालने के लिए बैंक ऑफ जापान ने 17 सालों में पहली बार देश में ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला लिया है।

जापान की प्रतीकात्मक फोटो

ब्याज दरों में कितना परिवर्तन हुआ–

बीते 8 सालों से जापान में ब्याज दरें शून्य से भी नीचे थीं। अभी तक यह दर -0.1% थी। मार्च 2024 में इसे बढ़ाकर 0% से 0.1% के बीच कर दी गई है। 2007 में ब्याज दरों को बढ़ाया गया था। क्योंकि उस समय बैंक ऑफ जापान ने 2% की मंहगाई दर निर्धारित की हुई थी, जो कि उस स्थिति में पार हो गई थी।  



इससे क्या बदलाव होंगे–

माना जा रहा है कि यह कदम अन्य उपायों की तुलना में प्रतीकात्मक है, इससे ज्यादा कुछ बदलने की संभावना नहीं है। इससे दरें शून्य के करीब ही बनी रहेंगी। लेकिन इस कदम से जापान में जो दशकों से नहीं हुआ वह देखने को मिलेगा; जहां पैसे उधार लेने के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी। 




क्या होती है नकारात्मक ब्याज दर–

इसमें देश की सभी बैंको को सेंट्रल बैंक के पास अपनी अतिरिक्त धनराशी रखने के लिए ब्याज देना पड़ता है। ऐसा करने की वजह बचत के बजाय खर्च बढ़ाने पर जोर देना होता है।  इस तरह की व्यवस्था वाले देश अधिक से अधिक पैसे उधार (अधिक ऋण वितरण) देते हैं।  इसलिए बैंक में नकदी रखने पर ब्याज के रुप में दण्ड देते हैं। 


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