Ticker

6/recent/ticker-posts

साइबर फ्रॉड का नया जरिया: मुंबई की महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लूटे 3.8 करोड़

बीते दिनों मुंबई की 77 वर्षीय महिला के साथ 3.8 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया। ठगों ने महिला को करीब एक महीना डिजिटल अरेस्ट रखा और डरा-धमकाकर इतनी मोटी रकम लूट ली। ये कोई नई घटना नहीं है, भारत में इस तरह के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। आइए जानते हैं, क्या होता है डिजिटल अरेस्ट और अपराधी किस तरह लोगों से इतनी मोटी रकम वसूल लेते हैं।

एआई से बनाई गई तस्वीर


क्या होता है डिजिटल अरेस्ट

यह एक ऑनलाइन स्कैम है, जिसे साइबर क्राइम के तहत डील किया जा रहा है। इसमें  अपराधी लोगों को डरा-धमकाकर ऑनलाइन माध्यमों से रुपए लूट लेता है। ये अपराधी अपने आपको पुलिस विभाग, क्राइम ब्रांच, नारकोटिक्स, सीबीआई अधिकारी या फिर इनकम टैक्स जैसे विभागों का अधिकारी बताकर आपके ऊपर झूठे आरोप लगाते हैं। फिर इसके बाद आरोपों से छूटने के लिए पैसे देने का दबाव बनाकर मोटी रकम लूट लेते हैं। 

फर्जी अधिकारी बनकर डराते

अपराधी फर्जी अधिकारी बनकर अपने टार्गेट को ऑडियो या वीडियो कॉल करता है। इसके बाद झूठे आरोप लगाता है। इन आरोपों में आपके नाम से ड्रग्स मिलना, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होना, बच्चों और परिजनों की धरपकड़ होना, सेक्स रैकेट चलाने में शामिल होने जैसे तमाम आरोप शामिल हो सकते हैं। इसके बाद अपराधी वीडियो कॉल करके फर्जी दफ्तर दिखाते हैं, जो कि ज्यादातर मामलों में पुलिस स्टेशन होता है।

फर्जी पुलिस स्टेशन और डिजिटल अरेस्ट वॉरेंट

इन अपाधियों ने अपने ऑफिस को बहुत मेंटेन किया होता है। यह देखने में हूबहू असली दफ्तर(पुलिस स्टेशन) जैसा दिखता है। इससे पीड़ित और भी डरकर उसके झांसे में उलझ जाता है। इसके बाद अपराधी डिजिटल अरेस्ट वॉरेंट भेजते हैं और पीड़ित के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात करते हैं। ये वारंट भी देखने में बिल्कुल असल लगते हैं।

इस तरह कराते पैसे ट्रांसफर

लीगल एक्शन की बात सामने आने पर पीड़ित डरकर इससे निकलने की सोचने लगते हैं और अपराधी अपनी अगली चाल चलते हैं। अब ये लोग नाम हटाने, जांच में सहायता करने, रिफंड हो जाने वाली फीस या फिर सिक्योरिटी मनी के तौर पर पीड़ित से पैसे मांगते हैं। ये पैसे तमाम यूपीआई आईडी या फिर बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराते हैं। और फिर धीरे-धीरे ये साइबर अपराधी पीड़ित से मोटी रकम ट्रांसफर करा लेते हैं। 

मुंबई की महिला को क्या दिया था झांसा

मुंबई में पहने वाली महिला को फर्जी क्राइम ब्रांच की तरफ से फोन कॉल आया जिसमें उसके द्वारा ताइवान भेजे जा रहे पार्सल को रोकने की बात कही गई थी। उसे बताया गया कि इसमें पांच पासपोर्ट, लगभग 4 किलो कपड़े, एमडीएमए ड्रग और बैंक कार्ड मौजूद है। स्कैमर ने महिला को क्राइम ब्रान्च का नोटिस भी दिया। जब महिला ने इससे इन्कार किया तो उसे आधार कार्ड की डिटेल दी और फिर डरा-धमकाकर करीब एक महीना डिजिटल अरेस्ट रखा। इस बीच धीरे-धीरे 3.8 करोड़ रुपए लूट लिए।



Post a Comment

0 Comments