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यौन उत्पीड़न का आरोपी प्रज्जवल रेवन्ना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के जरिए हुआ देश से फरार, जानिए इसकी खूबियाँ

 

जनता दल सेक्यूलर पार्टी के हासन से सांसद प्रज्जवल रेवन्ना पर कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. सोशल मीडिया पर जबसे उनके हजारों वीडियो वायरल हुए हैं तबसे रेवन्ना देश से फरार है. कहा जा रहा है कि वो डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के जरिए जर्मनी चला गया है. 

सांसद प्रज्जवल रेवन्ना,
फोटो स्रोत- विकिपीडिया
 

   डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की अपनी कुछ शक्तियां होती हैं जिनका दुरुपयोग करके ही रेवन्ना फरार हुआ है. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि रेवन्ना के लिए किसी भी तरह का वीज़ा जारी नहीं किया गया है. आइए जानते हैं कि क्या होता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट और किसे मिलता है? साथ ही हम समझेंगे कि कैसे ये आम जनता को मिलने वाले पासपोर्ट से अलग होता है. 


डिप्लोमैटिक पासपोर्ट क्या होता है

डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को जानने से पहले आपको बताते हैं कि पासपोर्ट क्या होता है. पासपोर्ट देश की राष्ट्रीय सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला पहचान पत्र होता है. यह विदेश में यात्रा के दौरान आपकी पहचान बताता है कि आप किस देश के नागरिक हैं. इसमें आपका नाम, जन्म तिथि, लिंग, जन्म स्थान से जुड़ी जरुरी जनकारियां शामिल होती हैं.  

भारतीय सामान्य पासपोर्ट की फोटो
स्रोत- विकिपीडिया


          सामान्य पासपोर्ट एक तरफ जहां 10 साल (वयस्क व्यक्ति) के लिए वैध होता है वहीं डिप्लोमेटिक पासपोर्ट पांच साल या कम समय के लिए जारी किया जाता है. रंग के मामले में भी इनमें अंतर होता है, डिप्लोमेटिक पासपोर्ट मरून रंग का तो वहीं सामान्य पासपोर्ट नीले रंग का होता है. दुनिया के देशों में इन पासपोर्ट धारकों के लिए विशेष कानून होते हैं जैसे कुछ मामलों में गिरफ्तारी, हिरासत और कानूनी कार्यवाही में छूट मिलती है. 


यह पासपोर्ट किसे मिलता है 

भारत सरकार के अंतर्गत काम करने वाला विदेश मंत्रालय का वाणिज्यिक विभाग डिप्लोमेटिक पासपोर्ट जारी करता है. राजनयिक अधिकार रखने वाले लोग, भारत सरकार की तरफ से सरकारी काम पर गए लोग, भारतीय विदेश सेवा में काम करने वाले ग्रुप ए और ग्रुप बी के अधिकारी, संयुक्त सचिव (ज्वाइंट सेक्रेटरी) और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी, विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश सेवा में काम करने वाले कर्मचारियों के नजदीकी परिवारी सदस्यों को भी मिलता है.


डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की फोटो
फोटो स्रोत- विकीपीडिया


मंत्रियों और सांसदों को क्यों मिलता है

मंत्री और सांसद देश की आम जनता के प्रतिनिधि होते हैं. जब यही लोग विदेश में जाकर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं तो यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. इसलिए उनको कुछ विशेष छूट दी जाए ताकि भारत सरकार के कामों को सही ढ़ंग से कर पाएं. इस कारण यह पासपोर्ट केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी मिलता है. जब तक वो सांसद या मंत्री होते हैं तब तक के लिए ही यह पासपोर्ट वैध होता है. उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद इसकी वैधता भी खत्म हो जाती है. अभी हालिया घटना में राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त होने पर उनसे उनका पासपोर्ट वापस ले लिया गया था. 



बिना वीज़ा जर्मनी कैसे पहुंचा प्रज्जवल रेवन्ना 

देश से बाहर जाने के लिए पासपोर्ट और वीज़ा की जरुरत होती है. हालांकि प्रज्जवल के पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट था लेकिन फिर भी बिना वीजा के वो जर्मनी कैसे गया आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी. सबसे पहले आपको बताते हैं कि भारत सरकार की तरफ से होने वाली आधिकारिक यात्राओं के लिए भारत का विदेश मंत्रालय आधिकारिक वीजा नोट जारी करता है.

      विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल के बयान के अनुसार प्रज्जवल रेवन्ना ने विदेशी दैरे के लिए किसी भी तरह की राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी थी. इस कारण किसी भी तरह का वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया है. इसके पीछे का कारण यह है कि जर्मनी उन 34 देशों में शामिल है जहां डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रखने वाले खास भारतियों को वीजा लेने की छूट है.

जर्मन झंडे की फोटो
फोटो स्रोत- pexels

     भारत सरकार ने इन देशों से परिचालन वीजा से जुड़े समझोते किए हुए हैं. जर्मनी के संदर्भ में ऐसे लोग 90 दिनों के लिए बिना वीजा के वहां रुक सकते हैं. राज्यसभा सचिवालय के अनुसार प्रज्जवल रेवन्ना ने निजी यात्रा के लिए पहले से ही मंत्रालय से मंजूरी मांगी थी.


किन-किन देशों के साथ हुआ है परिचालन वीज़ा समझौता

भारत सरकार ने जर्मनी के अलावा अन्य देशों के साथ भी इस तरह के वीज़ा से जुड़े समझौते किए हुए हैं. इन देशों में फ्रांस, ऑस्ट्रिया, अफगानिस्तान, चेज रिपब्लिक, इटली, ग्रीस जैसे देश शामिल हैं. भारत सरकार से 99 देशों के साथ डिप्लोमैटिक पासपोर्ट के अलावा भी अन्य तरह के समझौते हैं. इनमें भी 90 दिनों की छूट प्राप्त है. इन देशों में बहरीन, ब्राजील, इजिप्ट, हांग-कांग, ओमान और सउदी अरब जैसे देश शामिल हैं.


कौन रद्द कर सकता है यह पासपोर्ट

विपक्षी पार्टी के लोग लगातार केंद्र सरकार से प्रज्जवल रेवन्ना के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट को रद्द करने की बात कह रहे हैं. जानकारों का मानना है कि ऐसे मामलों में सरकार कोर्ट के आदेश के बाद ही डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर सकती है. साथ ही इससे जुड़े कानून पासपोर्ट एक्ट 1967 में दिए गए हैं.



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